Tuesday, July 9, 2013

बनारस में चखा विलायती… गुरू, एकदम मक्खन थी साली

एक बार वार्षिक परीक्षा के बाद मैं बनारस गया। वहां मेरे मामा रहते हैं। मामा एक छोटी सी प्राइवेट कुरियर कंपनी में काम करते हैं। उनके बेटे यानी मेरा ममेरा भाई हमसे एक साल बड़ा है। उसका नाम जमाल उद्दीन है। जब यह नाम लेकर उसे कोई बुलाता है तो उसे कुछ ख़ास खुशी नहीं होती है। इसलिए वो अपना नाम जमाल ना बताकर जिमी बताता है। अब सब लोग बनारस में उसे जिमी ही बुलाते हैं। वह एक साधारण सा टूरिस्ट गाइड है। मेरा भाई दिखने में भी अच्छा है, मेरा मतलब काफी आकर्षक है। हम दोनों हर तरह की बातें कर लेते हैं।

एक रात हम बाज़ार में घूम रहे थे कि अचानक एक विदेशी औरत आकर मेरे भाई से बात करने लगी। मेरा भाई भी उससे बातें करने लगा। कुछ समय बाद मुझे पता चला कि वो एक दूसरे को कुछ दिनों से जानते थे। मैंने भी उससे हाथ मिलाया और अपने बारे में बताया। काफी देर बाद बातें समाप्त होने पर वो चली गई। यारों मेरी इंग्लिश फास्ट तो नही है पर अगर कोई धीरे-धीरे बातें करता है तो समझ लेता हूँ। Read more...

गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन का बेटा… साले ने खुब मजे लूटे

बात काफ़ी पुरानी है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था, मेरी माँ गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन थी और मेरे पिता क्यूंकि फौज में थे तो मेरी माँ ने हॉस्टल में ही क्वाटर ले रखा था। रोज़ स्कूल से आने के बाद मेरी रुटीन थी कि मैं हॉस्टल की लड़कियों के साथ वॉलीबॉल खेला करता था। इसमें कोई ख़ास बात नहीं थी क्यूंकि बचपन से ही मैंने लड़कियों को हाफ पैंट में ही देखा था, कुछ सूट सलवार में भी होती थी लेकिन मुझे निक्कर वाली ही अच्छी लगती थी।
मेरी माँ के हॉस्टल में ना होने पर अक्सर मेरी माँ की जगह वॉर्डन का काम मैं ही किया करता था और ऐसे मौकों पर लड़कियाँ अक्सर जो शराब की शौकीन हुआ करती थी, उन्हें मैं खुली छूट दिया करता था। एक दो बार तो शराब की बोतल मैं भी लाया था। मैं अपने दोस्तों को बताता कि लड़कियाँ भी शराब पीती हैं तो वो नहीं मानते थे, तो मैंने ये किस्से अपने दिल के कोने में छिपा दिए।
एक बार की बात है, रीटा जो कि मेरी बहुत अच्छी सहेली थी, उसने मुझसे पहली बार शराब मँगवाई, मैंने पूछा- कौन सी? more...