Tuesday, July 9, 2013

गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन का बेटा… साले ने खुब मजे लूटे

बात काफ़ी पुरानी है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था, मेरी माँ गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन थी और मेरे पिता क्यूंकि फौज में थे तो मेरी माँ ने हॉस्टल में ही क्वाटर ले रखा था। रोज़ स्कूल से आने के बाद मेरी रुटीन थी कि मैं हॉस्टल की लड़कियों के साथ वॉलीबॉल खेला करता था। इसमें कोई ख़ास बात नहीं थी क्यूंकि बचपन से ही मैंने लड़कियों को हाफ पैंट में ही देखा था, कुछ सूट सलवार में भी होती थी लेकिन मुझे निक्कर वाली ही अच्छी लगती थी।
मेरी माँ के हॉस्टल में ना होने पर अक्सर मेरी माँ की जगह वॉर्डन का काम मैं ही किया करता था और ऐसे मौकों पर लड़कियाँ अक्सर जो शराब की शौकीन हुआ करती थी, उन्हें मैं खुली छूट दिया करता था। एक दो बार तो शराब की बोतल मैं भी लाया था। मैं अपने दोस्तों को बताता कि लड़कियाँ भी शराब पीती हैं तो वो नहीं मानते थे, तो मैंने ये किस्से अपने दिल के कोने में छिपा दिए।
एक बार की बात है, रीटा जो कि मेरी बहुत अच्छी सहेली थी, उसने मुझसे पहली बार शराब मँगवाई, मैंने पूछा- कौन सी? more... 

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