Thursday, January 8, 2009

Suhasini - Lesbian With Lata

My husband was going away on official tour for a week, and he told me I could invite one friend to stay with me. I invited my best friend, Latha Now, I had always had lots of boyfriends and everything, but I couldn’t help but notice how gorgeous Latha was. She had large breasts, and a huge waist. I often envied her due to my more athletic frame. (Just in case you’re wondering, I’m 5′5, straight black hair, and black eyes.)

I will admit to you that I had often wondered what it would be like to kiss another girl, but never had any desire to try it with one of my friends. Anyway, back to the story. It was really stormy that weekend, with lots of thunder and lightening. Since we couldn’t do anything outside, we rented a movie. It was the typical love story, guy meets girl, they fall in love, have sex, and live happily ever after. Well, the sex scene kind of turned me on, and I was glad I was inside my blanket so Latha couldn’t see me rubbing my pussy through my satin pajamas.

Wednesday, January 7, 2009

क्रेडिट कार्ड वाली को चोदा

मैं आज एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं !

मैं जब नौकरी कर रहा था तो एक क्रेडिट कार्ड कम्पनी से फ़ोन आया। एक लड़की बोल रही थी कि सर आप क्रेडिट कार्ड बनवा लो।

मैंने कहा- बनवा लूंगा तुम मुझ से डोक्यूमेंट ले जाओ।

जब मैं उससे मिला तो देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया क्योंकि वह बहुत खूबसूरत थी। मैंने उसे डोक्यूमेंट दे दिए और उसका मोबाईल नम्बर ले लिया। हम दोनों में आपस में बातें होने लग गई, मैं उसके घर जाने लग गया। मैंने उसका और उसकी मम्मी का दिल जीत लिया।

Tuesday, January 6, 2009

Suhasini & Kishon Babu fuck In A Group

Hi! We love this site and visit almost daily. We are actually a group of six people, three couples. We are inspired by the stories of this site and are writing our own experience and this story is absolutely true. We have written this and are putting this on this site with the permission of the other two couples too.

First of all a little about all of us. I am Kishon Babu, a government servant and a homeopathy doctor (practicing secretly). My wife Suhasini is crazy about sex. The other couple is Mr. Praveen Kumar working in Reliance and his wife Snehalata. Praveen Kumar and I swap our wives every weekend. The third couple is Mr. Vinod Nambiar and his wife Sulochana. All of us have two children each and of the same age. We leave the children in any one persons house and go to other person’s house and fuck. My wife calls this Vinod Nambiar “Anna” which means brother, but Vinod fucks her and loves her a lot. It all started a few years back.

Monday, January 5, 2009

अस्पताल में इलाज़

मेरा नाम सुमन है। मेरी उम्र छब्बीस वर्ष है। मै यहां के अस्पताल में नर्स हूं। मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पति भी सरकारी नौकरी में हैं। यू तो हमारी एक अच्छी निश्चिन्त जिन्दगी है। एक सुखी परिवार है। लेकिन मन का क्या करे वो तो चन्चल है, कभी न कभी भटक ही जाता है, कही भी फ़िसल जाता है।

अस्पताल में मेरे साथ एक कम्पाउन्डर रमेश काम करता है। देखने में सुन्दर है, हंसमुख है, कभी कभी तीखे सेक्सी मजाक भी करता है जिससे दिल में मीठी सी गुदगुदी भी होने लगती है और मै उसकी और बरबस ही खिन्च जाती हूं। रमेश दिल ही दिल में सब समझता था। मुझे अकेले में कभी कभी छेड़ता भी था। उसे मालूम था कि मैं कुछ नही कहूंगी। मैं मन से तो चाह्ती थी कि मुझे छेड़े…… मेरा हाथ पकड़ ले। इस्के लिये मुझे ज्यादा इन्तज़ार नहीं करना पड़ा। क्योंकि जब दोनो तरफ़ आग बराबर हो तो दिल मिल ही जाते हैं।

Sunday, January 4, 2009

Sex with Rekha bhabhi

Hi friends today I am going to narrate you a story which happened with me six months back with my own bhabhi. I live in pondicherry with my bhaiya bhabhi on first floor. My name is Raj 23 years old 5.5’ and very handsome guy. I live with my brother ramesh 33and my bhabhi Rekha 28years old having a very good figure 38-28-36 very long hairs below her butts 5.4and always wear sarree at home. Bhaiya is a employee in private mnc company and is very busy. He travel a lot and come home night and totally drunk. They had an arrange marriage 4 years back and have no issues till date.

This incident happened in may 2006 when during chat I met a lady from Bangalore. I was new to chat that time and the lady whom I was talking to was married and was 38 years old. She was very impressed with me by seeing my photograph. She was willing to have sex with me but due to the distance it was hardly possible for me to have sex with her. She called me a lot of times on my cell when it was not possible for me to come online. Once she called me up and my bhabhi picked up the phone as I was busy having bath. She talked to her and gave me her message. When I came out of bath I called her and she asked me to come online.

Saturday, January 3, 2009

Fucking my horny bhabhi

Hi! Ladies and beautiful gals. Master back here! Hopefully u enjoyed the first part of the series - Tryst with Destiny - I and II. The next day bhai was in a bit of tension and haste after attending a phone call.He gave a worried look and there seemed to b some business problem. After some time he was packing his luggage n told us that he had to urgently go to a 2day business tour. He left by noon. After finishing household chores bhabhi was resting. I went to her and told that as bhai wasn’t there, why not enjoy those 2days to the fullest. She nodded and said we should fulfill all our fantasies coz after bhai would return, I was to go back to my home town. I said that lets have a suhag-raat of her and me tonight and we should both arrange individually for the night and that we shouldn’t waste our energy right now so as to enjoy to the maximum in the night.

We both decided to rest so that we would b fresh in the evening. We both slept side by side just kissing each other and we were fast asleep after some time. In evening when I woke up, bhabhi too had just waked up and was adjusting her clothes. She was looking hot as ever. She smiled and gave me a brand new bed sheet to arrange on bed for our night.

Friday, January 2, 2009

Sex at a New Height of Corporate Life

My name is Bhavesh and I am 28 today. As I am Gujarati, you may well consider me staying in Gujarat only and for better convenience lets say in Surat. We are a big joint family with acres of land in our native which is still being used for agriculture. My father had moved from my village to Ahmedabad (Name Changed) during his college time and never been dependent to my grand parents as he wanted to make his own destiny. He worked all his life in a State Government organization and got retired on a very senior position. My mom was always a house wife. She used to work during her early days after marriage but than she quit during the birth of my sister. She is older to me and now happily married.

Thursday, January 1, 2009

भाभी के चुत को बनाया भोंसड़ा

सुनीता एक शादी शुदा और दो बच्चो की माँ है. वो मेरे बड़े साले की बीवी है. मुझसे करीब १० साल बड़ी यानी की ४० साल की… लेकीन उसे देखकर लगता है की उसकी उमर ३०-३२ की होगी, गोरा रंग, ३४ ३० ३६ का फीगुर , उसके बाल लंबे है और कुलहो तक आते है, खुले बाल ले कर जब वो कुल्हे मटकते हे चलती है तो आग सी लग जाती है.
मुझे उसकी नज़रों से लगता था की वो मुझे चाहती है. मेरे सामने उसकी हरकते बड़ी मादक होती थी,छेडछाड और मज़ाक वगैरह, कभी कभी ऐडलट जोकेस भी.

लेकीन उसने कभी लीमीट नही क्रॉस की थी और उसकी येही अदा मुझे उसकी तरफ खीचाती थी.उससे मील के आने के बाद मैं बेचैन हो जता था और उस दीन सुधा (मेरी पत्नी ) को बुरी तरह चोदा था, वो भी कहती थी आज क्या हो गया है..उफ़ मर डालोगे क्या.. वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लीया था की मैं उसके साथ अहीस्ता और सलीके से सेक्स करु… बेचारी को क्या मालुम की मैं उसे नही सुनीता भाभी को चोद रह हु.(मैं उन्हें भाभी कहता हू)….और सुनीता भाभी को तो ऐसे ही चोदना होगा…तभी मजा आयेगा… मैं दीन रात उस मौक़े की तलाश मे रहता था…. और एक दीन वो मौका आ ही गया..
हुआ यु की मेरी Wife और उसके भाई यानी भाभी के हसबंड को अपने कीसी property के सिल्सीले मे अपने पुश्तैनी गांव मे जाना था, मुझे भी उन्होने चलने के लीये कहा लेकीन मुझे ऑफीस मे कुछ जरुरी काम था.
मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोडने गया.. तब भाई साब ने कहा सुनीता अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए है एक महीने के लीये. तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फीर घर जा के आना. मैंने कहा जी ठीक है.और मैं वही से ऑफीस चला गया.शाम को लौटने मे देर हो गयी करीब ७ बज चुके थे. अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया… अरे भाभी का फ़ोन नही लग रहा ..तुमसे कोई बात हूई क्या? मैंने कहा “नही”
“प्ल्ज़ जरा उनके घर जा कर आओ”
मैंने कहा ठीक है..लेकीन अचानक मेरे दीमाग मे घंटी भाभी..”यह गोल्डन चांस है ” आज seduce करो और चांस मीले तो ………. कम कर लो.
मैंने t शर्ट और जींस पहना , एक अच्चा वाला सेंट स्प्रे कीया और कार लेकर चल पड़ा उनके घर.
उनका घर दोमंजीला है
मैं वहा पोहुचा तो आवाज़ दी .. भाभी………
कोई आवाज़ नही आयी..
फीर दरवाज़ा खटखटाया.. . तब हलकी आवाज़ आयी तुम रुको मैं आती हू
थोड़ी देर मे दरवाजा खुला..ऊऊउफ़् भाभी के बाल थोड़े बीखरे हुये उनके चहरे पर आ गए थे और सीने पर दुपट्टा नही .. क्या मस्त चुचीयां है… मेरी बीवी की इनके सामने कुछ भी नही…” आओ..
“भाभी आपका फ़ोन बंद है क्या”
“मालुम नही, वैसे बोहोत देर से कीसी का फ़ोन आया नही”
मैं फ़ोन का रेसिएवर उठाया..”ओह भाभी ये तो बंद है”
मैंने अपने सेल पर सुधा का फ़ोन लगाया ” हाँ सुधा भाभी का फ़ोन बंद है .. लो भाभी से बात करो.”
Un दोनो ने कुछ बात की फीर भाभी ने कहा तुम थोडा बैठो मैं ऊपर स्टोर मे से कुछ समान और बीस्तर नीकाल रही हू
वहं का बेड साफ कीया अभी और भी थोडा काम है फीर चाय बनाती हू..”
मैं चुप रहा और उन्हें देखता रहा उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा “लगता है सुधा की बोहोत याद आ रही है;” और एक Sexy smile दी.
मैं तो तड़प गया, फीर वो उनके Sexy कुल्हे मटकते सीडीया चढ़ने लगी और कहा”तब तक तुम tv देखो”
मैं अपने को रोक नही सका और ५ min. बाद मैं भी सीडीयाँ चढ़ के ऊपर पोहचा, वहा भाभी की पीठ मेरी तरफ थी और वो बेड को ठीक कर रही थी
मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लीया…
” क्या कर रहे हो”
“प्यार”"अभी अपने कहा ना सुधा को मीस कर रहे हो: मैं उसे नही आपको मीस कर्ता हू भाभी”
“बदमाशी मत करो”और मैंने अपने लंड को उनके हिप्स पर दबाया.. जो अब थोडा कड़क हो रहा था.. वहा लगते ही उसकी साइज़ बड़ने लगा .वो मुझसे छुटने की कोशीश करने लगी ..मेरा हाथ उनके चुचियों पर पोहुच गया..मैंने उनके गर्दन पर पीछे किस कीया..
“अमजद प्ल्ज़ ये गलत है”
“क्या गलत है भाभी”
“मैं सुधा की भाभी हू”
तो क्या हुआ..आप इतनी हसीं हो की मेरा दील मचल गया है अपके लीये.
उनकी गांड मे घुसने जा रह था आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीईरे…… मैंने हाथो से.उनकी चुह्की और जोर. से दबायी नहीई करूऊऊ.
मेरा लुंड पुरा तिघ्त हो कर.
कर रही है…….
“नहीई”
मैंने हाथो से उनकी चुच्ची और जोर से दबायी
आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीईरे
ये सुन कर मैं समझा गया भाभी चुद्वाना तो चाहती है…लेकीन नखरे कर रही है.. मेरा लंड पुरा tight हो कर उनकी गांड मे घुसने जा रह था.
अब वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी
मैंने उनकी कमीज़ के अंदर पीछे से हाथ दाल दीया.. नरम पीठ से होता हुआ मेरा हाथ सीधे ब्रा के हूक पर गया
मैंने उसे जोर से खीचा वो टूट गया…….
क्या कर रहे हो?
आप प्यार से नही करने दे रही है
क्या नही करने दे रही हू ?????
और वो घूम गयी, मैंने इस मौक़े पर एकदम उनका चेहरा पास लाया और उनके रसीले लाल होटो पर मेरे होट चीप्का दीये.. पहले तो वो मुह इधर उधर करने लगी..फीर थोड़ी देर बाद मेर होटो को जगह मील गयी…….. वो लम्बा चुमबन.. गीला……. ……ऊओह् .. और भाभी मुझसे दूर हटने लगी.. मैने फीर भी नही छोडा उन्हें
और अब उनकी गांड जोर से पकड़ के खीचा.. मेरा लंड उनके पेट पर लगा…. उनके हाथ झटके से मेरे गले पर आ गए..फीर एक बोसा…
इस बार गांड दबाते हुये और उन्होने मुह मेरे मुह से नही हटाया…… ..
मैंने उनके कमीज़ को ऊपर करना शुरू कीया…और गले तक ले आया, उनके हाथ ऊपर कीये और निकल दीया…..
“क्या कर रहे हो”
“प्यार भाभी”
मैंने अपना कुरता भी अब नीकला…
वो जाना चाहती थी लेकीन कमीज़ नीकल गयी वो ऊपर पूरी नंगी थी जली वाला ब्रा था और उसमे से उनके अंगुर जैसे काले नीप्पल दीख रहे थे
मैंने देर नही की झपट के उन्हें पाकर और नीप्पल पर मुह लगाया..
“आआआआआआआह्ह्ह्ह् हा अमाजाद्द्द्द्द. .. मैं तुमसे बड़ी हूऊ.. ये मत करो..” लेकीन मेरा सीर उन्होने अपनी छाती पर दबा लीया
मैंने पीछे हाथ कीये और .. ब्रा का हूक तोड़ दीया .. बड़ी बड़ी दुधीया चुचीया बहार मेरे हाथो मे आ गयी.. जोर से दबयेया.
ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् फ्फ्फ धीईरीईईईई इतने ज़ोर से मत दबाऊऊऊऊऊ”
मैंने कुछ सुना नही, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की येलास्टिक खीची तो साथ मे Pink कलर की पैंटी भी नीचे आ गयी.. बजीईईईइ- अमजाद्द्द्द्द्द्द क्या कर रहे हूओओ.. मुझे खराब मत करो… लेकीन उन्होने गांड उठा दी और सलवार नीकाल आयी और पैंटी भी… चुत.. पर छोटे छोटे बाल थे..
मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा…….. . भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दीया,..
आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह …प्ल्ज़ मत करूऊऊ… . वो उछाल पडी… क्या गोरी और चीक्नी गांड थी उनकी. मैंने आब अपने कपडे उतरना शुरू कीया.. इस मौक़े का फायदा उठा कर भाभी उठी और कपडे उठा कर जल्दी से नीचे भागी
मेरी पैंट आधी खुली थी.. मैंने पूरी खोली , उसे वही फेका और अंडरवीयर मे उनके पीछे भगा वो अपने बेड रुम मे घुस गयी दरवाजा बंद दीया… मैं दरवाजे के पास गया और हलके से धकेला….दरवाजा खुल गया भाभी वैसी ही बेड पर उलटी लेटी हूई है..मैं समझ गया…. मैं उनके पीछे गया.. मैंने अपना अंडरवीयर भी नीकाल दीया..मेरा कला मूसल जैसा ९” का लंड छिटक कर बहार आ गया. मैं पीछे से उन्हें मेरा लंड टौच कीया…वो चौंक कर पलटी….आआआआआ ओछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ …. मुझे क्यों परेशां कर रहे हो..और ये क्या……… ……. ही अल्ल्लाआआआह्ह्ह्ह्ह्ह् इतना बड़ा और मोटा…….. . बाप रे… सुधा तो रोती होगी?
“उसकी बात चोर दो भाभी” लेकीन आप को तो ये अच्चा लगेगा. मैंने फीर से उन्हें दबोच लीया..अब मेरा लंड उनके पेट के पास था… मैंने उनकी चुचीया ज़ोर ज़ोर से मसलन शुरू कीया और उनके होट चूमने लगा…इसबार वो सीर्फ आआआआह् नही..ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्. अमजद मत्त्त्त्त्त्त्त करू..लेकीन साथ मे मुझसे लीपटी जा रही थी
मेरे लंड का प्रेचुम उनके पुरे पेट को गीला कर रह था.
मैंने उनसे कहा इसे पकडो ना…..और उनका हाथ मेरे लंड पर लगाया..उन्होने बदमाशी की और उसे पकड़ के जोर से दबा दीया..”आआआआआह् भाभीभी…………., पयार से सह्लाओ”
“क्या प्यार से इतना मोटा”..भाभी पुरानी खीलाडी थी लेकीन फीर भी कहा तुम्हारा बोहोत लम्बा और मोटा है……… ….. तुम आज मुझे बर्बाद कर के चोडोगे.
मैंने कुछ नही कहा और उनके गोरे पेट को सहलाते हुऐ जीभ से गीला करने लगा…….. …भाभी मुझे धल्केल रही थी लेकीन उन्होने मेरा लंड नही छोडा ….
मैंने अब सीधे उनके पैर फैला दीये…मेरा मुह उनके पैरो के बीच रखा और चूमा…आआआआआअ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ कीत्ने गंदे हो..वहा क्यों मुह लगा रहे हो?
“भाभी अभी आप कुछ मत कहो”
“तुम भाभी भाभी कहते हो, कहते हो इज्जत कर्ता हु…ये इज्जत का तरीका है……… ..उयीईईईईई ईईईईइ. ……… .” मेरी जीभ चुत के अंदर दखील हो गयी और मैं अंदर गोल गोल नाचने लगा…….. ….आआआआह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्छ अम्जाद्द्द्द्द मैं पागल हो रही हूऊऊ.ये मत्त्त्त्त्त्त्त करूओ प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. . मैं तुम्हारी भाभी हूऊउ.
लेकीन मुझे अब उनकी गुलाबी चुत और उसके अंदर का नमकीन पानी ही याद था..मैंने तेजी से चाटना शुरू कीया..भाभी अपनी गांड उछालने लगी थी……. अमजद्द्द्द्द ………… अ..मम…ज्जाद्द्द्द D हरामीईइ ये क्या कर रह हैईई..आआअह्ह्ह्ह्ह् , भाभी का बदन अकडने लगा था…उनका पानी नीकलने वाला है ये मैं समझ गयाआआ… ..अब मैंने अपनी एक ऊँगली उनके मुह मे डाली उन्होने कट ली फीर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कीया..मैंने पोसीशन बदली और उन्हें उठाया…… .कीनारे पर मैं बैठ गया ..और उनसे कहा नीचे आओ
“क्यों”
आओ तो
वो नीचे आयी मैंने उन्हें घुटनों पर बीठाया
मेरा लंड उनके मुह के सामने था…वो तो तड़प रही थी फीर भी उठ कर जाने लगी.. मैंने जबरदस्ती बीठाया और लंड को उनके गालों पर राग्डा… फीर होटो पर रख कर कहा इसे कीस करो……
वो मेरी तरफ देखने लगी… मैंने उनके सीर को पकड़ा और लंड को होटो पर राग्डा.. चाहती तो वो भी थी…पहले थोडा चाटा जीभ से फीर होटो को खोला और लंड का सुपाडा मुह मे लीया…मैंने देखा उनके छोटे मुह मे लंड नही जा रह था.. बोहोत मोटा जो है.. मैंने सीर को कास के पकड़ा उअर दबाया ले साली….. . बोहोत दीनो से तडपा रही हो…. अपनी चूची और चूतर दीखा दीखा के.. अउब उन्होने चूसना शुर कीया मैं तो जन्नत मे पोहुच गया था..ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बजीईईईईईई मज़ा आ रह है……… . थोड़ी देर बाद मुझे लगा की मेरे गोटीयों मे सुजन आ रही है मेरा हो जाएगा…. मैंने भाभी को उठाया और बेड पर लीटा दीया

पैर नीचे लटक रहे थे… पैरो को उठाया..
” नही प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. .. अभी मैं सैफ नही हूऊऊऊउ.. .. मैं माँ बन जौन्गीईइ.. नहीईई. मैंने कहा फीक्र मत करो मैं बहार नीकाल लूँगा
और पैरो को फैलाया अपने कंधे पर रखा….. लंड को चुत के ऊपर रगड़ना शुरू कीया……
“भाभी कैसा लग रह है”
“हरामजादे अपने लंड को मेरी चुत पे लगा के भाभी कह रह हैईईई… ..अब जल्दी कर जो करना है”
ये सुन कर मुझे तो जोश आ गया और आपना लंड उसकी चुत पे धीरे धीरे रगड़ने लगा रगड़ता रहा र्ग्डता रहा भाभी को छट्पटाता हुआ देख के मुझे बहुत मजा आ रहा था !! फीर मेने भाभी के मुम्मे दबाने लगा !! वो बोली मादर्चोद और कीतना तड़येगा !! मैं हंसा और अपाना लंड उसके छेद पर रख कर दबाया.
भाभी तड़प उठी…….ऊऊओह्ह्ह् ह्ह्ह मर गयीईई माद्र्र्र्र्र्चोदददद निकल्ल्ल्ल्लल्ल्ल निकाआल्ल्ल. …… बोहोत मोटा हैह्ह्ह्ह.. मैं मर जाऊगीईईईइ. … ” मैं रूक गया. और उसे लंड को बहार खीच लीया. भाभी ने आंखे खोली….और पुछा”अब क्या हुआ?” मैंने कहा अपने कहा नीकाल ईसलिए नीकाल लीया”
“हरामी क्यों तडपा रहा हईई… अब जो करना है कर…”
मैंने आव देखा ना ताव और लंड को चुत पर रख कर जोर का झटका मारा…….. …भाभी का पुरा बदन एठ गया आआआआआआआआआअ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्छ मार दलाआआआअ रेई हरमीईईई. ……… .. ये आदमी का है की घोड़े का, सुधा की क्या हालत करते होऊ, ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् पूरी भर गयी मेरी… मैंने अब थोडा थोडा आगे पीछे करने लगा और भाभी को चूमने लगा… नीप्पल को चूसने लगा.. वो थोडा नॉर्मल हूई और उनकी चुत ने भी अब फीर से पानी छोर… मैने आधा लंड बहार नीकाल के इस बार तुफानी शोट मारा और …… बील्कुल धोनी की sixer की स्पीड से लंड पुरा भाभी के चुत मे पेल दियाआआआअ. ,उयीईईईईईइ ईईईईईई माआआआआआ कीस मनहूस घड़ी मे मैं तुम्हारे हाथ लग गयीईईईइ………… मैंने उनके बगल के नीचे से हाथ डालकर उनके कंधों को पकड़ा जीससे वो हील नही पाए और फीर मैंने धोनी की स्टाइल batting शुरू की…. वो उफ़ उ फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आआआआआआह् अह्ह्ह्ह्ह्छ कर रही थी, चुत से पानी की धार लग गयी उनकी गांड तक बहने लगी और नीचे चादर भी गीली हो रही थी… मेरी स्पीड जोर से थी. . भाभी के मुह से नीक्ला। ….. वहा मेरे शेर !!! वाह आज मुझे पहली बार इतना मजा आया ऊऊऊ..आज मेरी मुराद पूरी हो गयीईईईइ. .. ऊऊऊह् ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरा होने वलाआआ हैईईईई और ज़ोर सीईई मैं उनके पुरे बदन को चूम रह था, काट रह था.. उनके लंबे नाखुम मेरे पीठ मे गड रहे थे . फाड़ दे… मेरी फाड़ दीईईईए.आआआआ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
उन्होने मुझे कस के पकडा और वो झड़ने लागी… करीब २ min उनका orgasm चालू थाआआआ.. इधर मेरा भी होने वाला थाआआआ. उस तुफानी स्पीड मे मैंने कहा भाभी मेरा झडने वाला हैईईईई मैं कहॉ निकलू.
“मेरे अंदर डाल दो, दूऊऊऊओ .. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् लो बजीईईईईईई ये लूऊऊऊऊऊओ और मैंने लंड को उनकी चुत के एकदम अंदर मुह पर टीका दीया और मेरी पिचकारी शुरू हो गयी . दोनो ने एक दुसरे को कास के पकड़ा था.. इसी तरह हम करीब १० min रहे. उन्होने फीर मुझे धकेला और मेरी तरफ देखा.. कर दीया ना भाभी को खराब.. और मुझे धकेला. मैंने उनकी चुत से लंड बहार खीचा , वो मासूम भाभी के और मेरे पानी से लिपटा हुआ था.. उसे देख कर भाभी ने कहा… देखो कैसे मासूम लग रहा.. उन्होने नीचे देखा… चुत फुल गयी थी उन्होने हाथ लगाया और सीहर उठी देखो क्या हालत की तुमने……छोटी सी थी.. कीतना सूज गयी है..और कीतना दर्द हो रह है…….उनकी चुत से मेरा सफ़ेद पानी और उनका पानी बहार टपक रह था चुत का मुह भी खुल गया था… वो उठ भी नही पा रही थी कीसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया..

एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गयी थी..इस उमर मे इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी.ये उन्होने सोचा भी नही था..लेकीन मुझे भी उनका वो गदराया बदन इतने सालों बाद मीला..मैंने जम कर चोदा..सबसे बड़ी बात ..मुझे पता था की भाभी को मोटे और लंबे लंड से ज्यादा मजा आयेगा और वो मेरे पास है…लेकीन मेरी बीवी मुझेसे इस तरह चोदने नही देती..रोने लगती है..और मुझे चुदाई मे रहम से नफ़रत है…खैर मैं उठा..लंड तो पुरा लथपथ था..इतना माल तो मेरा कभी नही नीकला था.. और भाभी की चुत भी मुह खोलें “O” हो गयी थी..पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजु मे था !!!!
मैंने देखा भाभी ठीक से उठा नही पा रही है… मैंने उन्हें हाथ पकड़ के उठाया..मैंने देखा भाभी के कांख मे बाल है..और चुत पर भी बल अब बडे थे ..
मैं: भाभी आप कांख के बाल क्यों साफ नही करती?


भाभी: नही क्यों?
मैं: कीया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो
भाभी: वह शेव केसे करु डर लगता है काट जाएगा तो ????
मैं: शेवींग का समन दो मुझेसे..
भाभी : क्यों?
मैं: मैं कर देता हु आपका जंगल साफ.
मैंने शेवींग का समन लीया..भाभी को मैंने सामने खड़ा कीया..उन्होने एक हाथ ऊपर करने के लीया ..भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने… और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था.. उनके कांख मे साबुन लगा कर आराम से शेव कीया..इस बीच उनकी चुचीया भी सहला रहा था… निप्प्ल कड़क होने लगे थे..
भाभी:तुमने मुझेसे रंडी बाना दीया..मैंने पहली बार कीसी दुसरे मर्द को नंगा देखा..और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खडी हु.
मैंने दोनो कांख पानी से धोया और उस पर कीस करने लगा..
भाभी: ..आआआआआअह् फीर से मुझे मत गरम करो प्ल्ज्ज्ज़….एक बार मैंने गुनाह कर लीया हैईईईइ.आआआआ आह्ह्ह्ह्छ
मेरे होंठ उनके निप्प्ल पर आ गए और उन्होने मेरा सीर जोर से दबा लीया..मेरा खड़ा लंड उनकी चुत के दरवाजे पर खड़ा था….वो अपनी चुत उसके साथ सटा रहा….आआआआ ह्ह्ह्ह्ह्छ . …..मात्त्त करूऊ नाआआआआ.
मैं: क्या मत करो?
भाभी: बोहोंत बदमाश हो तुम? अपने से बड़ी भाभी के साथ ये सब कीया..?
मैं अपने लंड को उनकी चुत पर राग्डने लगा… चुत का पानी आब बाथरूम के फ्लोर पर टपक रहा था.. तभी भाभी से नही रहा गया और खुद मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा और अपने चुत के दाने पर रगड़ने लगी….मैं तो बेकाबू होने लगा. वही दीवार पर उनकी पीठ टीका दी और उनके पैर खुद ही फेळ गए लंड को रास्ता देने के लीये…..ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़् कीतना पानी नीकाल रही थी भाभी..लगता है सालो से चुत को लंड नसीब नही हुआ. मैंने वैसे ही खडे खडे अपना लंड सेट कीया और क़मर हीला के धक्का मारा.
भाभी:आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह हरमीईईई. धीरे कर ना..अपनों बीवी की चुत समझी है क्या?
मैं: बीवी की नही मेरी Sexy भाभी की गाद्रायी चुत है इसीलीये तो.
भाभी:अरे अभी तक दर्द हो रहा है..आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह
उन्होने हाथ लगा कर देखा..अभी तो इतना बहार है..हीईईइ आल्लाह्ह्छ मैं तो मार जाउंगी…
मैं: अपको दर्द है तो मैं बहार नीकाल लेता हु?मैंने तद्पाने के लिए कहा.
भाभी: अरे ..अब्ब इतना डाल के बहार निकलेगा…. ..और अब उन्होने खुद चुत को लंड पर दबाया .. ..कीतना मोटा है . .
मैं अब क़मर हीला के आगे पीछे कर रहा था……
भाभी की चुत ने इतना पानी छोड दीया की अब लंड आराम से जा रहा था और मैंने भी अब सनसना के धक्का मारा और पुरा लंड अंदर.
मर्र्र्र्र्र्र गयीईईईईईई. .. सच मे मर्द हो…आज्ज मुझेसे लगा की असली मर्द क्या होता है…. i लोवे u ..मेरे राजा…चोदो मुझेसे ज़ोर से चोद्द्द्द्द्द्द्दूऊऊओ.
फाड़ दो मेरीईईईइ.
मैं”(धक्के लगते हुये और उनके निप्प्ल को कटते हुये) क्या फाड़ दु भाभी?
भाभी: जो फोड़ रहे हो…
मैं : उसका नाम बोलो..
भाभी:अपना कम करो.
मैं:अभी तो एक जगह और बची है उसे भी फाड़ना है…सबसे Sexy तो वोही है तुम्हारे पास.
भाभी: क्या?
मैबजी के चूतर पर हाथ लगाया और उनकी गांड के छेद मे ऊँगली डाल कर ये वाली फाड़ना है
भाभी:आआआआआह्ह्ह्ह् हह नहीईईईइ वो नहीईइ ..वो तो मैंने उनको भी नही दी.
मैं : तो क्या हुआ.. मुझेसे तो पसंद है.
भाभी : नही नही..
मेरे धक्के चालू थे.. मैंने देखा भाभी का बदन अकडाने लगा है…….. पैर सीकोड कर लंड को कस रही थी और मेरे कंधे पर दांतों से कटने लगी….. नाख़ून मेरे पीठ को नोच रहे है…….. ये क्या कीया.. आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैं गय्य्य्यीईईईइ मेरा होऊ गयाआआआआआअऊओ ऊओह्ह्ह्ह् आब्ब नैहीईईईईइ आआआह् हाआआआआअह् आः
और भाभी की चुत का पानी धार निकलने लगी मै गीरने लगा.. मैं रूक गया..वो एक दम हलकी हो गयी थी.
मैंने अब उन्हें दीवार से हटाया और बाथ टब के अंदर ले गया
उसमे पानी और साबुन भरने लगा..मैंने देखा उनकी चुत पर भी बाल है . सोचा अगर इसे भी चीकनी कर लू तो.. मैंने उन्हें वही लीटा दीया..
भाभी: अब क्या कर रहे हो?
मैं: तुम्हारे खजाने को और खुबसुरत बाना रहा हु जान..
भाभी:क्य्का कहा..जान.. फीर से कहो ..आःह्ह्छ मैं तुम्हारी जान..
लो कर लो साफ इसे भी.
मैंने चुत पर भी साबुन लगाया..और उसे साफ करने लगा..
जब चुत पूरी साफ हो गयी मैंने गरम पानी से धोया…मेरा हाथ बार बारा उनके दाने से लग रहा था…इधर मेरा अभी तक dischaarge नही हुआ एक बार भी नही हुआ था.. सो वो तो उछाल रहा था.. मैंने भाभी से कहा इसे थोडा सह्लाओ ना…… इसे !!!
मैं उनके मुह के पास लंड को ले गया..उन्होने कुछ नही कीया…मैंने उनकी चुत को देखा..दोनो जांघों के बीच एक लकीर.. लग रहा था की एक शर्माई हूई मुनीया ..मैंने हाथ फेरा… लकीर के बीच ऊँगली डाली..फीर से गीली लबालब पानी..मुझसे अब रहा नही गया मैंने..भाभी के पेट को चूमना शुरू कीया. और दोनो पैर भाभी के दोनो तरफ डाले और उनकी पर मुह रख दीया..
भाभी तड़प उठी,,छीई गंदे..और पैर उठाने लगी…मैंने जबरदस्ती पैरो को फैलाया और उनका जूस चटाने लगा.. जीभ को दाने पर राग्डा……. .. मेरा लंड उनके मुह के पास लटक रहा था भाभी से रहा नही गया उन्होने उसे हाथ मे पाकर और खीच रही थी मैंने क़मर और नीचे की और उसे ठीक उनके होटो पर टीका दीया…थोड़ी देर तो उन्होने कुछ नही कीया लेकीन फीर अचानक उसे जीभ से चाट..और होट खोलकर उसा अंदर लीया… मैंने सिहरन सी मेसूस की.
मैं..आआआअह्ह्ह् भाभी चुसूऊऊ मेरी जान….अआः मजा आ रहा हाआईईईईइ. मैं तो उनके गरम होटो के टौच से पागल हो रहा था…अब वो भी पूरी मस्ती मे उसे मुह मे ले रही थी..अचानक मैंने थोडा अंदर दबाया..लंड एकदम उनके हलक तक पोहुच गया.उन्होने तड़प कर उसे बहार नीकाला और कहा
भाभी: अब क्या मार डालोगे..इतना लम्बा और मोटा गाले के अंदर डाल रहे हो..मेरी संस् रूक जायेगी.
मैं: ओह बज्ज्ज्ज्जीईईइ आप इतना अछा चूस रही हो..
इधर भाभी की हालत फीर खराब होने लगी मेरी जीभ उनकी चुत के अंदर पुरा सैर कर रही थी..भाभी..ने फीर से पानी छोड दीया..मैंने पुरा चाट लीया उन्की गांड तक बह रहा था..गांड के छेद तक जीभ से पुरा चाटा..इधर मुझेसे लग रहा था की मेरा भी पानी भाभी के मुह मे नीकाल जाएगा….. मैंने अपना लंड उनके मुह से नीकाल लीया उनके थूक से गीला हो कर चमक रहा था और भी मोटा हो गया था. मैं उठा कर कमोड पर बैठ गया और भाभी को अपने पास खीचा…
भाभी:अब क्या कर रहे हो?
मैं: आओ ना, दोनो पैर साइड मे कर लो और सवारी करो
भाभी: दीमाग खराब है क्या? मुझसे नही होगा..
मैंने उन्हें पाकर के पोसीशन मे लीया अब वो मेरी गुलाम थी.. और लंड के ऊपर चुत को सेट कीया और कहा बैठो…… उन्होने कोशीश की…आआआआह् नही होगा.. मैंने उनके चूतड पर हाथ रखे और नीचे से धक्का कीया..आधा लंड “गप्प” से अंदर. अब मैंने उन्हें कहा धीरे धीरे इस पर बैठो….वो बैठाने लगी..फीसलन तो थी..अंदर घुसने लगा फीर वो रूक गयी..अभी भी थोडा बहार था..मैंने उनकी चूची और नीप्प्ल चूसना शुरू कीया..बोहोत कीस् कीये..और पीछे से उनकी गांड के सुराख मे ऊँगली डाली उयीईईईईईई. … और मैंने उन्हें जोर से अपने ऊपर बीठा लीया…पुरा लंड अंदर और भाभी की चीख नीकाल गयी ..आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ मार अग्यीईईईईइ ऊओह् …अभी तक २ बार चुदने के बाद भी चुत इतनी तिघ्त लग रही थी मुझेसे मज़ा और जोश दोनो आ रहा था…भाभी मेरे सीने से चीपटी रही.. फीर थोड़ी देर बाद वो खुद ही मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी… मैं भी नीचे से धक्के मार रहा था. भाभी बड बड़ने लगी आआआअह् तुमने मुझेसे जिन्दगी का मज़ा दे दीया अह्ह्ह्ह्छ मुझेसे माँ बाना दोओ.. और उनके उछालने की स्पीड बड़ गयीईई.
आआआअह् आआआआह्ह्.. …. मेरे अमजाद्द्द्द्द्द्द्द्द इतने din क्यों नही किया..आआअह्ह्ह् मेरा होने वाला है….और ऐसे ही उछालते हुये उनका पानी नीकाल गया.. वो मेरे सीने से लीपट गयी मैं उन्हें चूमने लगा.. अब मैंने भाभी को खड़ा कीया..मेरे दीमाग मे एक नया पोस आया, कमोद के ऊपर मैंने भाभी को झुकाया दोनो हाथ ..कमोद के ऊपर रखे…
भाभी..ये क्या कर रहे हो
मैं: मैं तुम्हे और मजा दूंगा जानेमन..
मैं पीछे आ गया..ऊऊओह् क्या मस्त उभरे हुये चूतड.. और ऐसे मे उनकी चुत का छेद एक्दुम गीला…और गांड का गुलाबी छेद… मैंने पीपचे से लंड को उनके चूतर पर घुमाया….. ……..और गांड के छेद पर लगाया…वो एकदम उठ कर खडी हो गयी..नईई वह नहीईईईइ. ……प्ल्ज्ज्ज्ज्ज़. नही डारलींग मैं सही जगह पर दूंगा और फीर से उन्हें झुकाया…. चूतड और ऊपर कीये ताकी चुत ऊपर हो…और फीर..
भाभी: अह्ह्ह्छ धीरे…आआआआआ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ, मेरा लंड अंदर जा रहा था, लेकीन मैंने उसे बहार खीचा और अब एक झटके मे पुरा अंदर डाला.. वो तो चिल्ला पडी अरीईईईईई मार डालोगे क्या ???.मैंने उनके चूतड सहलाये और आगे हाथ बड़ा कर उनकी चुचीया दोनो साइड से दबाने लगा… करीब ३-४ min मे भाभी फीर ….. पानी छोराने लगी.. मैंने उसी पोस मे उन्हें खड़ा कीया.. दीवार की तरफ मुह कीया.. और उनका एक पैर कमोद के ऊपर रखा……. .. और फीर तो मैंने भी राज धानी एक्सप्रेस की स्पीड से चोदना शुरू कीया.
भाभी उफ़ उफ़ आह अह्ह्ह कर रही थी,
मैं:उनके कानो के पास चूमा . जानू..मजा आ रहा है ना?
भाभी: बहूत..और जोर से करो…
अब मुझेसे लगा मेरा नीकलाने वाला है…एक घंटे से ऊपर हो गया था.. मेरी अंडों मे pressure आ रहा था.. मैंने भाभी को वही बाथ टब के अंदर लीया और लीटया .. दोनो पैर फैलाये .. घुटनों से ऊपर बोड कर एक झटके मे अंदर डाला… उनकी आंखे फीर बड़ी बड़ी हो गयी लेकिंमैने कुच्देखा नही और फीर उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ वो धक्के लगाए की भाभी की संस् फूलने लगी वो सिर्फ अआः इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ इश्ह्ह्ह्ह्ह्छ आआः कर रही थी.
मैं: जनूऊऊऊऊ मेरा निकलने वाल है..अंदर डालू की बहार…
भाभी..एक बार तो अंदर डाल दीया है अब बहार क्यूऊउ . डाल अंदर तेरा लोडा l.
मैं तो लूऊ आआआह् अह्ह्ह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह ओह्ह ये लूओ मेरी जान्न्न्न … और पुरा लंड उनके बच्चेदानी के ऊपर टीकाया और 1…२..३..४. .5…6… .7..कीतनी पीचकारी मरी की मैं भूल गया..और उनके ऊपर लेट गया.. करीब १० min हम ऐसे ही pade रहे.. मैंने फीर uthkar उन्हें कीस कीया…अन्होने आंखें खोली ..
भाभी: तुमने आज मुझसे बोहोत बड़ा गूनाह karwa लीया..आज के बद मैं तुमसे बात भी नही करुँगी .
बात मत करना जान..लेकीन ये तो करोगी ना..
भाभी : बेशरम, अब मेरी जुती करेगी ये कम. मैंने अपना लंड बहार खीचा..पुरा लथपथ..उनकी चुत से सफ़ेद रस नीकल रहा था और बाथ टब मे फेल रह था….. मैंने उनकी गांड के छेद पर हाथ रख और कहा अभी तो इसका इनौगरेशन करना है.. अभी २ din और मैं यही रहूंगा..तुम्हे माँ बाना के ही जाऊंगा मई..वो बोली..क्क्य कहा..२ din ..मे तो मर जाउंगी..
मैंने धीरे से पुछा”जानेमन कैसा लगा ” वो कुछ बोली नही..सिर्फ मुस्कुरा दी..फीर हम दोनो ने एक दुसरे को नेह्लाया रगड़ रगड़ कर मेरा फीर खड़ा होने लगा था..लेकीन भाभी जल्दी से तोवेल लपेट कर बहार नीकल गयी..लेकीन. …क्या इसके बाद भाभी और चुदेगी..ये आप बताओ…अगर हां.. तो कैसे?????????